निर्भया के दुष्कर्मी मुकेश का शव करौली पहुंचा; आज सुबह कल्लादह में होगा अंतिम संस्कार


करौली. निर्भया केस में मुख्य दोषी मुकेश को फांसी पर लटकाने के बाद पुलिस ने शव परिजनों को सुपुर्द कर दिया। परिजन शव को लेकर शुक्रवार देर रात करौली पहुंचे। जानकारी के अनुसार मृतक का दाह संस्कार शनिवार सुबह कल्लादह पर किया जाएगा। निर्भया केस के चार दोषियों को शुक्रवार तड़के 5:30 बजे तिहाड़ जेल में फांसी दे दी गई। चारों दोषियों में मुख्य दोषी मुकेश व रामसिंह जिला मुख्यालय पर भद्रावती नदी किनारे स्थित एक छोटी बस्ती कल्लादेह के निवासी थे। जहां बहुत सीमित लोग ही रहते हैं। जहां पहुंचने के लिए भी भद्रावती नदी पार करनी पड़ती है।



करौली शहर से करीब चार किलोमीटर दूर कल्लादेह शहरी सुविधाओं से भी दूर है। जहां दुष्कर्मी मुकेश सिंह का छप्परनुमा घर नदी के किनारे ही बना है, जिस पर ताला लटका है। कभी यहां उसकी मां कल्याणी रहती थी जो बेटे की करतूत के बाद गांव छोड़कर जा चुकी है। आस पास भी कोई घर नहीं है। करीब 100 से 150 मीटर चलने के बाद छितराए हुए घर है। जहां कुछ लोग रहते हैं। लोग कहते हैं कि हम अपनी जुबान पर मुकेश का नाम भी नहीं लेना चाहते। उस परिवार से हमारा कोई लेना देना नही है।


मकुेश के कारण सुर्खियां में आया था करौली
कल्लादेह बस्ती के लोगों का कहना है कि मुकेश बचपन में ही करौली से चले गए, लेकिन उनकी हैवानियत ने करौली को सुर्खियों में ला दिया। अब कुकर्म करने वालों को फांसी की सजा होना कानून और न्याय की जीत है। करौली का दाग भी धुलना चाहिए। थोड़ा दूर जाने पर गांव के बाहर के लोग जरूर मुकेश के बारे में बात करते मिले। लोगों का कहना है कि मुकेश की शादी नहीं हुई थी। वो अपने तीन भाइयों के साथ दिल्ली में ही रहता था। उसकी मां कल्याणी जरूर दिल्ली आती जाती रहती थी, लेकिन मुकेश के पिता की मौत के बाद गांव में ही रहने लगी थी। केस की तारीखों के बाद वह भी दिल्ली चली गई।



बड़ा भाई भी था दोषी, तिहाड़ जेल में कर ली थी आत्महत्या
मुकेश का बड़ा भाई रामसिंह भी निर्भया केस का मुख्य दोषी था। दोनों साथ में ही दिल्ली में रहते थे। रामसिंह ड्राइवर था, वहीं मुकेश खलासी का काम करता था। रामसिंह की पत्नी की मौत होने के बाद वो शराब पीने का आदी हो गया था। दोषी राम सिंह ने ट्रायल के दौरान ही तिहाड़ जेल में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी।